शायद हमसे खफा सा रहता है।
जिन पलकों पे रखता वो प्यार के सागर,
जिन पलकों पे रखता वो प्यार के सागर,
उनपे एक कतरा ज़रा सा रहता है।
यूं दरकिनार करे हमको,
यूं दरकिनार करे हमको,
शामिल नहीं उनकी फितरत में,
खता कुछ तो होगी,
खता कुछ तो होगी,
जो वो दिल भरा सा रहता है।
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