गुरुवार, 29 अगस्त 2013

Bikhre sher

हँसी, मुस्कान, रिश्ते की बड़ी कमजोर कड़ियाँ हैं,
इसे मजबूत रखता है, बस इक साझा सा गम अपना।

सोमवार, 26 अगस्त 2013

Bikhre sher

भले सौ कोशिशें कर लूँ, कहाँ टिकते हैं मुट्ठी में,
ये दौलत, रेत, पानी और कुछ दिल से जुड़े रिश्ते।

गुरुवार, 22 अगस्त 2013

Bikhre sher

जेहन का एक हिस्सा, जिसमें ख्वाबों की हैं कुछ कब्रें,
बहुत मासूम, बेहद खूबसूरत दिखता है मुझको।

सोमवार, 19 अगस्त 2013

Bikhre sher

मुझे अफ़सोस है, समझाया क्यूँ मँहगाई का मतलब,
कि बच्चे अब, खिलौनों के लिए भी जिद नहीं करते।

गुरुवार, 15 अगस्त 2013

Bikhre sher

तुझे मिलने की कुछ वजहें, अभी भी हैं बची दिल में,
कि कुछ शिकवे-गिले , हमने अभी महफूज़ रक्खे हैं।

सोमवार, 12 अगस्त 2013

Bikhre sher

अधूरी ख्वाहिशों की पर्चियाँ, जेबों में जो रख लूँ,
तो फिर धुंधली नज़र से नज़्म का चेहरा नहीं दिखता।