adhbune khwab
A blog on Poetry, Nazms and Ghazals
पेज
मुखपृष्ठ
लेबल
कविता
(33)
ग़ज़ल
(3)
गीत
(2)
नज़्म
(1)
बिखरे शेर
(37)
गुरुवार, 29 अगस्त 2013
Bikhre sher
हँसी, मुस्कान, रिश्ते की बड़ी कमजोर कड़ियाँ हैं,
इसे मजबूत रखता है, बस इक साझा सा गम अपना।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें