adhbune khwab
A blog on Poetry, Nazms and Ghazals
पेज
मुखपृष्ठ
लेबल
कविता
(33)
ग़ज़ल
(3)
गीत
(2)
नज़्म
(1)
बिखरे शेर
(37)
मंगलवार, 3 सितंबर 2013
Bikhre sher
यकीं उनको नहीं होता, हमारी खुश्क आँखों का,
पड़ी है चाँद-चेहरे पे , कई सलवट सवालों की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें