adhbune khwab
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शुक्रवार, 27 नवंबर 2009
जिन्दगी रही तो मिलेंगे
मैं ये नही कहता कि,
रास्ते अलग हैं हमारे।
पर तुम्हारी मंजिल है बहुत दूर
और नही चल सकते तुम,
मुझे वहां तक ढोकर।
इसीलिए बेहतर है कि,
किसी मोड़ पर अलग हो जायें हम तुम,
बिना कुछ कहे,
न ही करें ये वायदा कि,
" जिंदगी रही तो मिलेंगे"।
1 टिप्पणी:
Unknown
10 जून 2010 को 10:25 pm बजे
ek baar fir se padha
ek baar fir se pyaar ho gaya :)
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ek baar fir se padha
जवाब देंहटाएंek baar fir se pyaar ho gaya :)