adhbune khwab
A blog on Poetry, Nazms and Ghazals
पेज
मुखपृष्ठ
लेबल
कविता
(33)
ग़ज़ल
(3)
गीत
(2)
नज़्म
(1)
बिखरे शेर
(37)
मंगलवार, 23 अप्रैल 2013
Bikhre sher
जो होना सच है उनका, अब तलक तो आ भी जाते वो,
हरेक पत्थर के आगे, हमने अपना सर झुकाया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें