क्या सोचा है लाइफ के बारे में?
उस दिन पूछा था तुमने ...
तकरीबन ९ बजे होंगे,
इक्का-दुक्का लोग हॉस्टल की सडकों पर
धुआंई ठहाकों के साथ घूम रहे थे.
आखिरी दिन था कॉलेज का शायद ...
खैर तुमने पूछा था ...
"क्या सोचा है लाइफ के बारे में "।
मैं यक -ब -यक सहम सा गया .
टाल दी बात ये कह कर की,
देखा है कभी लैम्प पोस्ट को ..
कितना करीब है ये और रौशनी भी है तेज ,
फिर क्यूँ भागूं मैं चाँद के पीछे ...
तुम हँस दिए, सर पे हाथ फेरा और कहा खुदा हाफिज़...
तब से आज तक शक्ल नहीं देखी तेरी, बस कुछ आवाजें हैं
जो अँधेरे में भी बज उठती हैं, और पूछती हैं...
"क्या सोचा है लाइफ के बारे में"?
बहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंzawaab naheen...aap isse oopar jaa sakte hain...har samay nayee dhun sunein-babajee kee tarah
जवाब देंहटाएंsameer laal bhee bure naheen hain...!
जवाब देंहटाएंbas ye hai ki we kanada mein kho gaye hain...photo to filhaal naheen hai lekin aapko nazar aaen to bataanaa...hik...hik
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंब्लाग जगत की दुनिया में आपका स्वागत है।